पेरिस पैरालम्पिक में भी महकेगी एक्सीलिया की मिट्टी की खुशबू
बैडमिंटन खिलाड़ियों की टोक्यो पैरालम्पिक जैसी सफलता पर नजर
लखनऊ। एक्सीलिया स्कूल एक बार और प्रफुल्लित है। कारण, पेरिस पैरालम्पिक 2024 में भी वह अपना योगदान दे पा रहा है। इस बार भी मेरी मिट्टी की खुशबू से महकी बैडमिंटन अकादमी में जिन खिलाड़़ियों ने खुद को और अपनी तैयारी को पेरिस जाने से पहले समय –समय पर परखा है उनमें मंदीप कौर, नित्या श्री, पलक कोहली, मनोज सरकार, शिवराजन सोलैमेलाई, सुहास एलवाई, तरुण ढिल्लन आदि शामिल हैं।
संभव है कुछ को यह बात बेहद सामान्य सी लगे कि खिलाड़ी कहीं न कहीं तो तैयारी करते ही हैं और किसी भी प्रतियोगिता में जाकर जब अपना पूरा दमखम लगाते हैं तब जाकर सफलता हाथ लगती है। मगर जब खिलाड़ी खासकर पैरा खिलाड़ी जब एक ऐसी जगह की तलाश में हों जहां वह इत्मीनान व बगैर किसी भेदभाव के तैयारी कर सकें तो यह बात अहम हो जाती है।
मुझे फख्र है कि एक्सीलिया स्कूल ने ऐसे आड़े समय में अपनी बैडमिंटन अकादमी को मूर्त रूप दिया जब पैरा खिलाड़ियों को उसकी बेहद आवश्यकता थी। टोक्यो पैरालम्पिक 2000 लगभग आने वाले ही थे और पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी मनमुताबिक तैयारी नहीं कर पा रहे थे। उन्हें ऐसी जगह चाहिए थी जहां कह सकें कि वहां उनका प्रथम अधिकार है। ऐसे मौके पर एक्सीलिया ने चुनौतीपूर्ण मगर महत्वपूर्ण निर्णय लिया और स्कूल के ‘ऑडिटोरियम’ की जगह पर गौरव खन्ना एक्सीलिया बैडमिंटन अकादमी की स्थापना को मंजूरी दे दी। हालांकि कोविड-19 के झंझावात के बीच देश की पहली पैरा बैडमिंटन अकादमी की स्थापना की राह काफी दुर्गम थी। बावजूद इसके अकादमी तैयार हुई और देश भर से एक्सीलिया में जुटे पैरा खिलाड़ियों प्रमोद भगत, मनोज सरकार तरुण ढिल्लन, कृष्णा नागर, पारुल परमार, पलक कोहली आदि ने पैरा बैडमिंटन के राष्ट्रीय कोच गौरव खन्ना की अगुआई में टोक्यो पैरालम्पिक के लिए जोर-शोर से तैयारी को अंजाम दिया। नतीजे सुखद रहे और टोक्यो में भारत ने बैडमिंटन की स्पर्धा में दो स्वर्ण समेत चार पदकों पर अपना नाम लिख इतिहास रच दिया। प्रमोद भगत और कृष्णा नागर ने स्वर्ण तो सुहास एलवाई ने रजत और मनोज सरकार ने कांस्य पदक अपने नाम किए।
इसके बाद हर अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धा में खिलाड़यों ने मुझे यानी एक्सीलिया और मेरे अदब के शहर लखनऊ को गौरवान्वित किया। इसमें चीन के हांगझू में आयोजित 2022 के एशियाई पैरा खेलों की उपलब्धि भी खास रही। जहां 21 पदक खिलाड़ियों ने भारत की झोली में डाले। जिसमें से 4 स्वर्ण, 4 रजत और 13 कांस्य पदक शामिल रहे। चीन रवाना होने से पहले एक्सीलिया में आयोजित ‘हांगझू की उड़ान’ कार्यक्रम में खिलाड़ियों ने अपने उद्गार व्यक्त करते हुए भारत का परचम लहराने की बात कही थी।
भारत के जिन खिलाड़ियों ने मेरे आंगन में अपने खेल को चमकाया है, उनमें टोक्यो पैरालंपिक खेलों के पदक विजेता मनोज सरकार, प्रमोद भगत, कृष्णा नागर, यूपी सरकार से लक्ष्मण पुरस्कार प्राप्त अबू हुबैदा, प्रेम कुमार अले, शशांक कुमार, अमू मोहन, पलक कोहली, सान्थिया विश्वनाथन, गोकुल दास़, आकाश माधवन, चिराग बरेठा, राज कुमार, सुकांत कदम, रचना पटेल, वैष्णवी पुनयानी, नेहाल गुप्ता, अभिजीत सखूजा, नवीन शिवकुमार आदि शामिल हैं। ये वह खिलाड़ी हैं जो आज भारत के लिए पैराबैडमिंटन में बड़ी उम्मीद बनकर उभरे हैं।
शिक्षा और खेल का अनूठा तालमेल :
एक्सीलिया ने साथ ही साथ खिलाड़ियों की शिक्षा का भी ध्यान रखा और उन्हें ऐसा माहौल दिया जिसकी बदौलत वह अपनी पढ़ाई से सामंजस्य बिठा सके। तमिलनाडु की पैरा खिलाड़ी नित्या श्री और दिल्ली की वैष्णवी पुनयानी ने एक्सीलिया में हाईस्कूल के बाद प्रवेश लिया और बेहतर अंकों के साथ 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की। नित्या श्री ने चीन के हांगझू में आयोजित एशियाई पैरा खेलों में तीन कांस्य पदक अपने नाम किए थे। वहीं एक्सीलिया से 2022 में 12वीं उत्तीर्ण करने वाली वैष्णवी पुनयानी ने एसएल-4 वर्ग के महिला एकल में कांस्य पदक हासिल किया। सेमीफाइनल पहुंचने तक वैष्णवी का प्रदर्शन शानदार रहा था।